बच्चों के लिए मज़ेदार विज्ञान
मैडम क्यूरियस का मिशन है बच्चों को विज्ञान के माध्यम से आलोचनात्मक चिंतन (क्रिटिकल थिंकिंग) और समस्या-समाधान (प्रॉब्लम सॉल्विंग) की कला सिखाना।
इसका लाभ उठाने के लिए अपने बच्चों के साथ हफ़्ते में सिर्फ़ एक घंटा हमारे वेब ऐप पर मज़ेदार छोटी फ़िल्में देखें, और हमारे दोस्ताना टीचर-बॉट
के साथ चैट करें। यह पूरी तरह से मुफ़्त है।
कक्षा ५-८ के हिन्दी भाषियों के लिए (अंग्रेज़ी वैकल्पिक)
शुरू करें
हमारी कोशिश क्या है?
हमारी शिक्षा प्रणाली अक्सर गहरी वैचारिक समझ के बजाय रटने को महत्व और
बढ़ावा देती है, जिससे आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान कौशल के विकास
में बाधा आती है।
यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि इन्हीं महत्वपूर्ण योग्यताओं के
बल से आज के बच्चे अपने लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बेहतर कल
बना पाएँगे।
हम बच्चों में इन कौशलों को बचपन में ही विकसित और मजबूत करना चाहते हैं,
ताकि वे हमेशा के लिए आदत बन जाएं। मैडम क्यूरियस, इसी लक्ष्य को ध्यान में
रखकर उत्साही शिक्षकों और वैज्ञानिकों की एक छोटी टीम द्वारा बनाया गया एक
मुफ़्त प्रायोगिक टूल है।
यह कैसे काम करता है
मैडम क्यूरियस कक्षा 5 से 8 के उन बच्चों के लिए है जो सरल हिंदी (और चाहें तो अंग्रेज़ी भी) समझते हैं
- #1हफ़्ते में बस एक घंटा दें...
मैडम क्यूरियस का इस्तेमाल करना बहुत आसान है, बस हफ़्ते में दो बार आधा-आधा घंटा अपने बच्चे के साथ बिताएं, छोटी, दिलचस्प, रोज़मर्रा की ज़िंदगी से जुड़ी फिल्में देखें और हमारे मिलनसार "टीचर-बॉट" से चैट करें।
- #2...मनोरंजक छोटी फिल्में देखें...
हमारे वीडियो विज्ञान के आम पाठों जैसे बिल्कुल नहीं हैं। बल्कि ये छोटी फिल्में हैं - कहानियाँ उन नटखट बच्चों की, जिनकी जिज्ञासा अपने आस-पास की साधारण सी चीज़ों को देखकर ही जाग उठती है। इन कहानियों में हम देखते हैं कि कैसे वे बस गौर से देखकर, सवाल पूछकर और तर्क करके अपनी रोज़मर्रा की दुनिया में छिपे विज्ञान के रहस्यों और अजूबों से पर्दा उठाते हैं। और हाँ, इस सब के बीच वे कभी-कभी थोड़ी बहुत शरारतें भी कर जाते हैं। आख़िर, बच्चे तो बच्चे ठहरे!
- #3...और हमारे मिलनसार "टीचर-बॉट" से चैट करें।
हर वीडियो के बाद, "मैडम क्यूरियस" नाम के हमारे मिलनसार टीचर-बॉट के साथ चैट करें। वह आपके बच्चे का ऐसे सवालों के माध्यम से मार्गदर्शन करती हैं जो वैचारिक समझ को गहरा करने और आलोचनात्मक सोच को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
एक झलक
अवधारणा: ठोस पदार्थों में दबाव (मूल बातें)
पहले वीडियो देखें, फिर चैट आज़माएँ
निर्माता

सौम्य कानोरिया
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, यू ऑफ़ इलिनॉय अर्बाना शैंपेन, कंप्यूटर वैज्ञानिक, उद्यमी

विवेक दादू
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद (IIIT - Allahabad), एक्स-माइक्रोसॉफ्ट, शौक से शिक्षक

रजत तोष्णिवाल
केंद्रीय विद्यालय, आईआईटी मुंबई, शिक्षक, शिक्षाविद, एडटेक कंसलटेंट

एस. के. अमरनाथ
जवाहर नवोदय विद्यालय, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कर्नाटक (NIT - Karnataka), कंप्यूटर वैज्ञानिक, सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट